महाबोधि विहार विवाद: बौद्धों के अधिकार की लड़ाई और आंदोलनों का इतिहास"
महाबोधि विहार विवाद: बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थल के अधिकार की लड़ाई --- ✦ प्रस्तावना: बोधगया – जहां आत्मज्ञान की रोशनी फैली बिहार के गया जिले में स्थित बोधगया न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पवित्र स्थल है। यही वह जगह है जहां लगभग 2,500 साल पहले राजकुमार सिद्धार्थ ने बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या के बाद आत्मज्ञान प्राप्त किया और गौतम बुद्ध बने। इस स्थल पर बना महाबोधि विहार आज न केवल एक धार्मिक प्रतीक है बल्कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। बावजूद इसके, यह स्थल पिछले कई दशकों से विवाद और संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। क्या बौद्धों को उनके ही पवित्र स्थल पर पूर्ण अधिकार नहीं मिलना चाहिए? इस लेख में हम इस विवाद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, कानूनी संरचना, आंदोलनों और संभावित समाधान पर गहराई से चर्चा करेंगे। --- ✦ महाबोधि विहार का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व बोधगया का प्राचीन नाम उरुवेला था। यहां का इतिहास तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से जुड़ा है, जब सम्राट अशोक महान ने इस स्थान पर एक स्तूप और मठ की स्थापना की थी। ➤ कुछ प्रमुख त...