भारतीय संविधान का भाग 3: मौलिक अधिकारों की पूरी जानकारी | Fundamental Rights in Hindi"
हमारा संविधान, हमारी पहचान – 15 भारतीय संविधान का भाग 3: मौलिक अधिकारों की गारंटी भारत का संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि देश के नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। हमारे संविधान का भाग 3 (Part III) , जिसे "मौलिक अधिकार" (Fundamental Rights) के रूप में जाना जाता है, भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है। यह भाग अनुच्छेद 12 से लेकर अनुच्छेद 35 तक विस्तृत है और नागरिकों को विभिन्न अधिकार प्रदान करता है, जो सरकार के किसी भी अन्यायपूर्ण हस्तक्षेप से संरक्षित रहते हैं। मौलिक अधिकारों की पृष्ठभूमि मौलिक अधिकारों की अवधारणा हमें मुख्य रूप से अमेरिकी संविधान से मिली है, लेकिन इसके स्वरूप को भारतीय परिस्थितियों के अनुसार ढाला गया है। इसके अलावा, आयरलैंड के संविधान से भी मौलिक अधिकारों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू लिए गए हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों को किसी भी प्रकार के नागरिक अधिकार प्राप्त नहीं थे। 1919 के रॉलेट एक्ट और 1935 के भारत सरकार अधिनियम जैसी नीतियों ने नागरिकों की स्वतंत्रता को अत्यधिक सीमित कर दिया था। स्वतंत्रता संग्राम...