"Sitla Satam: Cold Food Risk Ya Science Ka Sach?- Edward Jenner

शीतला सप्तमी (शीतला सातम): अंधविश्वास, ठंडा भोजन और एडवर्ड जेनर की सच्चाई --- परिचय: परंपरा और तर्क का टकराव भारत परंपराओं का देश है। हर त्योहार, हर रिवाज के पीछे कभी न कभी कोई तर्क रहा होगा। लेकिन समय के साथ कई परंपराएं तर्क से कट गईं और अंधविश्वास में बदल गईं। शीतला सप्तमी, जिसे गुजरात और राजस्थान में शीतला सातम भी कहते हैं, ऐसी ही एक परंपरा है। इस दिन लोग एक दिन पहले भोजन बनाकर रखते हैं और अगले दिन ठंडा खाना खाते हैं, यह मानते हुए कि इससे शीतला माता प्रसन्न होंगी और बीमारियां नहीं फैलेंगी। लेकिन क्या यह परंपरा आज के समय में वैज्ञानिक दृष्टि से सही है? ✔ क्या बासी और ठंडा खाना खाना सुरक्षित है? ✔ क्या वास्तव में यह परंपरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है? ✔ जब विज्ञान ने चेचक जैसी घातक बीमारी को मिटा दिया, तब भी लोग देवी के डर से ऐसे रीति-रिवाज क्यों निभा रहे हैं? इस लेख में हम शीतला सप्तमी का इतिहास, इस परंपरा के पीछे का तर्क, इससे होने वाले नुकसान, और एडवर्ड जेनर की खोज से मिली सच्चाई को गहराई से समझेंगे। --- शीतला सप्तमी का इतिहास और उद्देश्य शीतला सप्तमी की परंपरा उस समय शुरू ह...