हमारा संविधान, हमारी पहचान -2
हमारा संविधान, हमारी पहचान -2
भारतीय संविधान का निर्माण एक विस्तृत और समर्पित प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें संविधान सभा की विभिन्न समितियों और प्रमुख व्यक्तियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इनके सामूहिक प्रयासों ने एक ऐसे संविधान की रचना की, जो आज भी हमारे लोकतंत्र की नींव है।
संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ और उनके अध्यक्ष:
1. प्रारूप समिति (Drafting Committee): इस समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। इस समिति का मुख्य कार्य विभिन्न समितियों द्वारा प्रस्तुत सुझावों को समाहित करते हुए संविधान का मसौदा तैयार करना था।
2. संघ शक्ति समिति (Union Powers Committee): इस समिति के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। इसका कार्य केंद्र सरकार की शक्तियों को निर्धारित करना था।
3. प्रांतीय संविधान समिति (Provincial Constitution Committee): सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में, इस समिति ने राज्यों के संविधान से संबंधित प्रावधानों का मसौदा तैयार किया।
4. सलाहकार समिति (Advisory Committee): सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में, इस समिति ने मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यक अधिकारों, और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित प्रावधानों पर कार्य किया।
5. मौलिक अधिकार उप-समिति (Sub-Committee on Fundamental Rights): आचार्य जे.बी. कृपलानी की अध्यक्षता में, इस उप-समिति ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रावधानों का मसौदा तैयार किया।
6. अल्पसंख्यक उप-समिति (Sub-Committee on Minorities): एच.सी. मुखर्जी की अध्यक्षता में, इस उप-समिति ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों पर कार्य किया।
संविधान निर्माण में प्रमुख व्यक्तियों का योगदान:
डॉ. भीमराव अंबेडकर: प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार करने में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनकी कानूनी विशेषज्ञता और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता ने संविधान में समानता, स्वतंत्रता, और बंधुत्व के सिद्धांतों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू: संघ शक्ति समिति के अध्यक्ष के रूप में, नेहरू ने केंद्र सरकार की शक्तियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 'उद्देश्य प्रस्ताव' प्रस्तुत किया, जिसने संविधान के दार्शनिक ढांचे की नींव रखी।
सरदार वल्लभभाई पटेल: प्रांतीय संविधान समिति और सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में, पटेल ने राज्यों के संविधान और मौलिक अधिकारों से संबंधित प्रावधानों का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आचार्य जे.बी. कृपलानी: मौलिक अधिकार उप-समिति के अध्यक्ष के रूप में, कृपलानी ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रावधानों को तैयार करने में योगदान दिया।
एच.सी. मुखर्जी: अल्पसंख्यक उप-समिति के अध्यक्ष के रूप में, मुखर्जी ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों पर कार्य किया।
इन समितियों और व्यक्तियों के सामूहिक प्रयासों ने भारतीय संविधान को एक मजबूत और समावेशी दस्तावेज़ के रूप में स्थापित किया, जो आज भी हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है।
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