हमारा संविधान, हमारी पहचान -7
हमारा संविधान, हमारी पहचान – 7
भारतीय संविधान के सभी भाग: एक संक्षिप्त परिचय
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके 25 भाग (Parts) हमारे प्रशासनिक ढाँचे, अधिकारों और कर्तव्यों की नींव रखते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
✨ भूमिका
26 नवंबर 1949 को अंगीकृत और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ भारतीय संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है।
मूल रूप से इसमें 22 भाग और 395 अनुच्छेद थे, परंतु अनेक संशोधनों के बाद आज इसमें 25 भाग और 470 अनुच्छेद शामिल हैं।
संविधान के इन भागों को समझना हर नागरिक के लिए आवश्यक है, ताकि हम अपने अधिकार (Rights), कर्तव्य (Duties) और लोकतांत्रिक ढाँचे को ठीक से समझ सकें।
⚖ भारतीय संविधान के सभी भाग (Parts of the Constitution)
🔹 भाग 1: संघ और उसका राज्य क्षेत्र (Articles 1–4)
➡ भारत को संघ घोषित करता है और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की सीमाओं की प्रक्रिया बताता है।
🔹 भाग 2: नागरिकता (Articles 5–11)
➡ नागरिकता प्राप्ति, समाप्ति और उससे जुड़े प्रावधान।
🔹 भाग 3: मौलिक अधिकार (Articles 12–35)
➡ नागरिकों को छः मौलिक अधिकार देता है:
समानता, स्वतंत्रता, शोषण से मुक्ति, धार्मिक स्वतंत्रता, संस्कृति और शिक्षा, संवैधानिक उपचार।
🔹 भाग 4: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) (Articles 36–51)
➡ सरकार को कल्याणकारी राज्य की दिशा में मार्गदर्शन।
🔹 भाग 4A: मौलिक कर्तव्य (Article 51A)
➡ 42वें संशोधन (1976) द्वारा जोड़े गए 11 मौलिक कर्तव्य।
🔹 भाग 5: संघ सरकार (Articles 52–151)
➡ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद, AGI और सर्वोच्च न्यायालय।
🔹 भाग 6: राज्य सरकार (Articles 152–237)
➡ राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधानमंडल और उच्च न्यायालय।
🔹 भाग 7: (Article 238)
➡ देशी रियासतों के लिए प्रावधान था, 7वें संशोधन (1956) में हटाया गया।
🔹 भाग 8: केंद्रशासित प्रदेश (Articles 239–242)
➡ केंद्रशासित प्रदेशों की शासन व्यवस्था।
🔹 भाग 9: पंचायतें (Articles 243–243O)
➡ 73वां संशोधन (1992) – ग्राम पंचायतों की संरचना व शक्तियाँ।
🔹 भाग 9A: नगरपालिकाएँ (Articles 243P–243ZG)
➡ 74वां संशोधन (1992) – शहरी स्थानीय निकायों के प्रावधान।
🔹 भाग 9B: सहकारी समितियाँ (Articles 243ZH–243ZT)
➡ 97वां संशोधन (2011) – सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान।
🔹 भाग 10: अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र (Articles 244–244A)
➡ आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष प्रशासनिक प्रावधान।
🔹 भाग 11: संघ और राज्यों के बीच संबंध (Articles 245–263)
➡ विधायी और कार्यकारी शक्तियों का विभाजन।
🔹 भाग 12: वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद (Articles 264–300A)
➡ कर व्यवस्था, वित्त आयोग और संपत्ति संबंधी प्रावधान।
🔹 भाग 13: व्यापार, वाणिज्य और समागम (Articles 301–307)
➡ भारत के भीतर मुक्त व्यापार और वाणिज्य की गारंटी।
🔹 भाग 14: सेवाएँ (Articles 308–323)
➡ सिविल सेवा, UPSC और राज्य लोक सेवा आयोग से संबंधित प्रावधान।
🔹 भाग 14A: अधिकरण (Tribunals) (Articles 323A–323B)
➡ 42वें संशोधन (1976) में जोड़े गए प्रशासनिक अधिकरण।
🔹 भाग 15: चुनाव (Articles 324–329A)
➡ चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया।
🔹 भाग 16: विशेष प्रावधान (Articles 330–342)
➡ SC, ST और OBC के लिए विशेष प्रावधान।
🔹 भाग 17: राजभाषा (Articles 343–351)
➡ हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया, अन्य भाषाओं को मान्यता।
🔹 भाग 18: आपातकालीन प्रावधान (Articles 352–360)
➡ राष्ट्रीय, राज्य और वित्तीय आपातकाल।
🔹 भाग 19: विविध प्रावधान (Articles 361–367)
➡ राष्ट्रपति और राज्यपाल की विशेष शक्तियाँ।
🔹 भाग 20: संविधान में संशोधन (Article 368)
➡ संशोधन प्रक्रिया।
🔹 भाग 21: अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान (Articles 369–392)
➡ जम्मू-कश्मीर, नागालैंड, असम जैसे राज्यों के लिए विशेष प्रावधान।
🔹 भाग 22: संविधान का प्रारंभ और संक्षिप्त नाम (Articles 393–395)
➡ संविधान लागू करने की तिथि और संक्षिप्त शीर्षक।
📌 निष्कर्ष
भारतीय संविधान के ये 25 भाग हमारे लोकतंत्र की जटिल लेकिन मजबूत संरचना को परिभाषित करते हैं।
हर भाग एक विशेष उद्देश्य को पूरा करता है – चाहे वह नागरिकों के अधिकार हों, सरकार की शक्तियाँ हों या सामाजिक न्याय का ढाँचा।
👉 इसलिए एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में संविधान को जानना और उसका पालन करना हमारी मौलिक जिम्मेदारी है।
✍️ — Written by Kaushal Asodiya
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