Buddha Ka Ashtang Marg Kya Hai? | Dukh Se Mukti Ka Asli Marg in Hindi
बुद्ध के अष्टांग मार्ग का महत्व और उसका पालन लेखक: कौशल असोदिया गौतम बुद्ध ने मानव जीवन के दुःखों को समझने और उनसे मुक्ति पाने के लिए जो मार्ग दिखाया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना 2,500 साल पहले था। उनके द्वारा बताया गया अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path) न केवल आध्यात्मिक उन्नति का साधन है, बल्कि एक शांतिपूर्ण, नैतिक और संतुलित जीवन जीने की कुंजी भी है। इस लेख में हम अष्टांग मार्ग के प्रत्येक अंग को विस्तार से समझेंगे, इसके महत्व पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आधुनिक जीवन में इसे कैसे अपनाया जा सकता है। --- अष्टांग मार्ग क्या है? अष्टांग मार्ग का अर्थ है - आठ अंगों वाला मार्ग। यह मार्ग बुद्ध के "चार आर्य सत्यों" के अंतिम सत्य का भाग है, जो बताता है कि दुःखों से मुक्ति पाने के लिए कौन-सा व्यावहारिक रास्ता अपनाना चाहिए। यह आठ अंग इस प्रकार हैं: 1. सम्यक दृष्टि (Right View) 2. सम्यक संकल्प (Right Intention) 3. सम्यक वाक् (Right Speech) 4. सम्यक कर्म (Right Action) 5. सम्यक आजीविका (Right Livelihood) 6. सम्यक प्रयास (Right Effort) 7. सम्यक स्मृति (Right Mindfulne...